भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}
{{KKRachna}} | रचनाकार=संजय मिश्रा 'शौक ' | संग्रह=
}}
{{KKCatgazalKKCatGhazal}}
<poem>
कुछ तो मिला है आँखों के दरिया खंगाल के
लाया हूँ इनसे फिक्र के मोती निकाल के