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दोस्त बनकर बहुत छला है दोस्त / कुमार अनिल
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13:37, 22 नवम्बर 2010
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<Poem>
दोस्त बनकर
बहुत
मुझे
छला है दोस्त
बस यही सच बहुत खला है दोस्त
Kumar anil
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