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देखा क्या..? / बीरेन्द्र कुमार महतो
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मदन गोपाल लढा
बीरेन्द्र कुमार महतो
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देखा है
सरेआम
लूटते
लुटते
और बिकते
अपनी माँ-बहनों को,
अनिल जनविजय
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