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बन्दूँ, पद सुन्दर तव / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
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,
16:37, 7 दिसम्बर 2010
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बंदूँ
बन्दूँ
, पद सुंदर तव,
छंद नवल स्वर-गौरव ।
अनिल जनविजय
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