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विश्वास / अनिमेष कुमार
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विश्वासे
रिश्ता रोॅ गहराई छेकै
जिनगी रोॅ सच्चाई छेकै,
हेकरै सेॅ सबरोॅ दुहाई होय छै।
विश्वासे
आदमी केॅ आदमी बनाय छै
विश्वास सबकेॅ तपाय छै
हेकरा मेॅ बड़ी नेमत छै
जिगनी रोॅ सब टा सार छै।
जीवन रोॅ आधार छै,
छल-प्रपंच सेॅ दूर छै
हेकरा मेॅ हौ ताकत छै
हेकरै सेॅ जिनगी अनमोल छै।
विश्वासे
सब रिश्ता रोॅ जड़ छेकै
हेकरै सेॅ सब रिश्ता बंधलोॅ छै
सबरोॅ हेकरै सेॅ भला होय छै।
विश्वासे
जिनगी रोॅ आधार छेकै,
हेकरै मेॅ सबसेॅ व्यापार होतै
तनियोॅ टा नै घात होतै
जिनगी सबके कामयाब होतै।