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विश्वास / वीरा
Kavita Kosh से
अंधेरी गली
पार करते वक़्त
एक नन्हा विश्वास
हमारी उंगली थामता है
और बाद में हम पाते हैं
कि हमीं उनकी उंगली
थामे हैं।
(रचनाकाल : 1977)