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वे दंगाप्रिय ईश्वर के उपासक हैं / दिनकर कुमार
Kavita Kosh से
वे दंगाप्रिय ईश्वर के उपासक हैं
इसीलिए इतनी असहिष्णुता
इतनी बर्बरता
इतना रक्तपात
धर्म की घृणा मिश्रित व्याख्याएँ
वे दंगाप्रिय ईश्वर के उपासक हैं
उनकी उपासना
इहलोक के स्वार्थों को सिद्घ करना है
उनकी उपासना है
सिंहासन और पदाभिषेक की
गुप्त राह
वे दंगाप्रिय ईश्वर के उपासक हैं
शिकारी जानवर के वंशज
रक्तपान करना जिनका
आदिम स्वभाव है
विषवमन करना जिनका
दैनिन्दन कर्म है