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वे वैसे ही थे, जैसे वे थे / निकानोर पार्रा / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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वे चान्द की पूजा
करते थे – लेकिन ज़्यादा नहीं ।

वे लकड़ी के
टोकरे बनाते थे ।

उन्हें संगीत का
पता नहीं था ।

वे खड़े-खड़े
सम्भोग करते थे ।

वे अपने मुर्दों को
खड़ा दफ़नाते थे ।

वे वैसे ही थे, जैसे वे थे ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य