भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वो मेरे दिल को आसरा देगा / गरिमा सक्सेना

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वो मेरे दिल को आसरा देगा
या कि वो प्यार में दग़ा देगा

वो जो रखता है हौसला अन्दर
उसको सागर भी रास्ता देगा

वो जो औरों को मौत देता है
उसको जन्नत कहाँ खुदा देगा

ठूँठ होकर भी बूढ़ा बरगद वो
अपनी शाख़ों पे आसरा देगा
 
सच बता मीत! प्यार में मुझको
ज़ख्म या ज़खम की दवा देगा

बनके रहबर वो एक दिन 'गरिमा'
ज़ुल्म की आग को हवा देगा