भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
वो मेरे दिल को आसरा देगा / गरिमा सक्सेना
Kavita Kosh से
वो मेरे दिल को आसरा देगा
या कि वो प्यार में दग़ा देगा
वो जो रखता है हौसला अन्दर
उसको सागर भी रास्ता देगा
वो जो औरों को मौत देता है
उसको जन्नत कहाँ खुदा देगा
ठूँठ होकर भी बूढ़ा बरगद वो
अपनी शाख़ों पे आसरा देगा
सच बता मीत! प्यार में मुझको
ज़ख्म या ज़खम की दवा देगा
बनके रहबर वो एक दिन 'गरिमा'
ज़ुल्म की आग को हवा देगा