भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

व्यवस्था / चन्द्रनाथ मिश्र ‘अमर’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छोट-पैघ वा जाति-भेद सब
रेखा मानव-कृत अछि खीचल
एक वर्ग चढ़ि गेल माथ पर
अपन पैर तर रहले पीचल।
तामल खेतक सदृश समाजक
ऊँच नीच सम्पूर्ण व्यवस्था,
चिर्री चोत भेल कपड़ा सन
देखि रहल छी सभक अवस्था।