भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शब्द पकड़ में नइखे आवत / ब्रजभूषण मिश्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शब्द पकड़ में नइखे आवत ;
अगर पकड़ात बा,
त अर्थ, धनक जाता।
मन के भाव
बाहरी दबाव से
जँता जात बा ;
दुनियाबी प्रपंच से
घबड़ा के भाग जाता।
शब्द के अर्थ
कइसे दीं ?
शब्द डायरी तक आवत-आवत
राख हो जात बा,
आ कविता-
उड़ियाये लागत बिया !
कहाँ बाँचल बा-
शब्द, जवन खोल सके अर्थ।