भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शर्त / तसलीमा नसरीन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: तसलीमा नसरीन  » शर्त

सिर्फ़ हृदय को लेकर बैठे रहना
यह तो मुझसे नहीं चलेगा
मैं तुम्हें निचोड़ कर सारांश चाहती हूँ
तमाम स्वाद लेना चाहती हूँ

चुका दे, जो कुछ जमा है
देह की देनदारी दे जा!

मूल बांग्ला से अनुवाद : मुनमुन सरकार