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शहर में साँप / 55 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

एक दिन
शहर के साँप
भूल सेॅ गाँव चैल ऐलै
गाँव के लोग ओकरा देख केॅ
अचरज से भैर गेलै
जेकरा मुँह सेॅ पानी के जगह
खून के लार टपैक रहल रहै।

अनुवाद:

एक दिन
शहर का साँप
भूल से गाँव चला आया
गाँव के लोग उसे देख कर
अचरज से भर गया
जिसके मुँह से पानी के बदले
खून की लार टपक रही थी।