Last modified on 26 जून 2019, at 01:09

शहर / लैंग्स्टन ह्यूज़ / उज्ज्वल भट्टाचार्य

शहर सुबह-सुबह
फैला देता है अपने डैने
पत्थरों से निचोड़ता है एक गीत
और गाता है ।

शाम को वही शहर
सोने चला जाता है,
उसके सिर के ऊपर
लटकती हैं बत्तियाँ ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य