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शाम ढले तब क्रिकेट खेलना / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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रात क्रिकेट मैच देखा तो
सोये अब तक जागे नहीं
अब तो जग जाओ तुम बेटा
क्यों तुम अब तक जगे नहीं
तुम्हें सचिन अच्छा लगता है
तो उन जैसे बन सकते हो
लेकिन लगन-परिश्रम से ही
निपुण खिलाड़ी बन सकते हो
झटपट जागो, सरपट भागो
मंजन-ब्रश करके आओ
होकर के तैयार ठाठ से
होकर तैयार ठाठ से
अब तुम पढ़ने को जाओ
शाम ढले तब क्रिकेट खेलना
फिर जल्दी घर को आना
खाना खाकर पढ़ना थोड़ा
लेकिन जल्दी सो जाना।