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शाम / खीर / नहा कर नही लौटा है बुद्ध
Kavita Kosh से
पहुँचूँगा
दरवाजे़ पर खड़ी होगी वह
मुस्कान में उसकी
थकान पिघलेगी
पिघलेगी पिघलेगी पिघलेगी।