गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 22 जनवरी 2019, at 12:16
शाम / खीर / नहा कर नही लौटा है बुद्ध
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
लाल्टू
»
नहा कर नही लौटा है बुद्ध
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
पहुँचूँगा
दरवाजे़ पर खड़ी होगी वह
मुस्कान में उसकी
थकान पिघलेगी
पिघलेगी पिघलेगी पिघलेगी।