शारदे के चरण में नमन कीजिए.
ले उसी की कृपा आचमन कीजिए
चाहिए भारती की अगर आशिशा
ध्यान में नित्य माँ के चरण कीजिए
किंकिणी नूपुरों की बजी दुंदुभी
भर उठे भक्ति से वह गगन कीजिए
गूँजती ही रहे गान की माधुरी
उस बरसती कृपा को वहन कीजिए
वैर की भावना को पनपने न दें
विश्व को प्यार की अंजुमन कीजिए