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शिक़ायत / रफ़ीक शादानी
Kavita Kosh से
केहू कहत है खाय का दाना नाय मिलत
केहू के शिकायत है ठेकाना नाय मिलत
येहि दौर से रफीक हैं, हमहूं का शिकायत है
दिल लेहे घूमित है, निशाना नाय मिलत।