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शिव जी हीरो बनोॅ हो-27 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'

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झूमर-दादरा

सावन में सैयां हे सगवा नै खइहोॅ
भादोॅ में दहिया के लगे नहिं जइहोॅ।।
मैदा सें बढ़ी कॅ जी भादोॅ के रइया
भादोॅ में राय तोहें पिसी पिसी खइहोॅ।।
आसिन मछरिया जी कातिक में महिया
तों दोनों कॅ जहरोॅ के पुड़िया समझिहोॅ।।
जब तक अगहनोॅ के दस दिन नै बीतॅ
तब तक तों सैयां हे सम्हरी के रहिहोॅ।।
अगहन इं जोरिया के पड़िबा या दुतिया सें
जे जे खुशी तोरोॅ से से खइहोॅ

झूमर-कहरवा

कंगनमां गढ़ाय दॅ मोर बलमुआ।।
गल्ला लॅ नेकलेस हाथोॅ लॅ बाजूबन्द
माथा लॅ मंगटीका गढ़ाय दॅ मोर बलमुआ।।
मलमल के चोलिया लाली चुनरिया
सोना के घड़िया मंगाय दॅ मोर बलमुआ।
हमरा लॅ बुनिया टिकरी मिठइया
ननदी लॅ सतुआ सनाय दॅ मोर बलमुआ।।