शिव जी हीरो बनोॅ हो-40 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'
कजरी-कहरवा
अरे रामा अइलै नै परदेसिया सावन आवी गेलै ना
दिल के केकरा कहबॅ बतिया सावन आबी गेलै ना।।
कारी रैन नागिन रंग कारी चमके विजुरिया ना।।
सखि हे सूनी महल अटरिया पिया परदेसिया अइलै ना।।
बैरिन रतिया कारी बदरिया रिमझिम बरसये ना
सखि हे संग संग रिमझिम रिमझिम रिमझिम बरसये अंखिया ना।।
सखि हे निरमोहिया नै अइलै सावन आबी गेलै ना
सखि हे सांवरिया नै अइलै सावन आबी गेलै ना।।
गौड़ मल्हार-कजरी
बरसये रिमझिम कारी रे बदरिया
रिमझिम रिमझिम बरसये अंखिया।।
पिया निरमोहिया भेलै परदेसिया
जबॅ सें कि गेलै नहिं लॅ लकै खबरिया
गौना कराय सैयां चललै विदेसवा हे
माटी में जी मिली गेलै बारी रे उमिरिया।।
सावन सखि सब झूलये बगिया
सोलहो सिंगार करी गावये कजरिया
केकरा लॅ कथी लॅ जी करबै सिंगार सखि
हमरा नै कछुओ सोहाय दिन रतिया।।