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शिव जी हीरो बनोॅ हो-49 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'

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लोरी

नीन गेलै होरिला बाबा कोरें रे नींने रे गेलै
नीन गेलै होरिला मेया कोरें रे नींने रे गेलै
खूपुर खूपुर मूंसें कोड़ैछै माटी कोड़ैछै माटी
सुनि सुनि हारिला बाप मारैछै लाठी रे नीनें रे गेलै
बांसोॅ के बेड़ा लरैठा ठाठी
भोरे भोर चोर मारैछै सिनकाठी रे नीनें रे गेलै
गाबी गाबी लोरी सुनवैछै दादी
नुन्नू सुतेॅ सुक्खोॅ रातीं दादी के गोदी रे नीनें रे गेलै

खलौना

पांव पांव पांव पांव नुन्नू बूलेॅ पांव पांव
छांव छांव छांव छांव, नुनुआ बूलॅे छांव छांव
मांव मांव मांव मांव, बिलरा बोलेॅ मांव मांव
पिबी केॅ दुद्धा भोकन बिलरवा घरोॅ में बोलेॅ मांव मांव
कांव कांव कांव कांव,कौआ बोलेॅ कांव कांव
नुन्नू के जुट्ठोॅ खायलेॅ कौआ ऐगनां बोलेॅ कांव कांव
चांव चांव चांव चांव बोलेॅ चिरैया चांव चांव
फुदो चिरैया नुन्नु खेलाबेॅ बोली केॅ चुनमुन चांव चांव
भांव भांव भांव भांव, कुतबा भूंकेॅ भांव भांव
भांव भांव बड़ घर जांव, बासी भात चोराय केॅ खांव।