शिशिर / ऋतुराग / अनिरुद्ध प्रसाद विमल
1.
बंद भै गेलै
खरहा केॅ कुलाँच
शिशिर ऐतैं।
2.
पत्ता झरै छै
शिशिर में गाछोॅ के
आह भरै छै।
3.
सब केॅ लागै
एक रंङ सुन्दर
शिशिर ऋतु।
4.
गेहूँ, चना सें
भरलोॅ सौसे धरा
छै हरा-हरा।
5.
सुसुत वरै
पावी हवा रोॅ झौंका
सुतै के मोॅन।
6.
सुखलै देखोॅ
शिशिर में पोखर
बगुला भागें।
7.
मछली चुनै
पोखरी में बगुला
ट, टपा-टप।
8.
शिशिर कृपा
नै जाड़ा छै, नै गर्मी
हवा छै प्यारोॅ।
9.
अच्छा लागै छै
चाँदनी में चलवोॅ
धूप सेंकवोॅ।
10.
शिशिर लोरें
भींजलोॅ तितलोॅ छै
नदी रोॅ बालू।
11.
नांगटोॅ गाछ
फूल-पत्ता के बिना
सून्नोॅ निहंगा।
12.
शिशिर राती
प्रेमोॅ के रस घोलै
पड़ोकी बोलै।
13.
गिरी गेलोॅ छै
फूल कली केशर
शिशिर ऐतें।
14.
टटका नया
सौंदर्य के चरम
शिशिर ऋतु।
15.
सारस जोड़ा
बोलै बतियाबै छै
प्रेम करै छै।
16.
रातोॅ में ठंडा
दिन में धूप प्यारोॅ
बड्डी दुलारोॅ।
17.
रातोॅ में डँसै
नागिन ठंडी बॉव
होॅ-होॅ पूरवा।
18.
शिशिर बॉव
जेनां जुआनी तॉव
धारोॅ में नाव।
19.
ताकै छै रास्ता
शिशिरें वसंतॉे के
कौआ नै बोलै।
20.
घोॅर-ऐंगना
फुदकै छै बगरोॅ
शोभै सगरोॅ।
21.
छै अनमोल
ई बगरोॅ के लोल
प्यार जतावै।
22.
आस्ते-आस्ते सें
ससरै छै शिशिर
वसंतोॅ हिन्नेॅ।
23.
मनझमान
कैन्हेॅ शिशिर रानी
वसंत ऐतै
24.
हठयोगिनी
शिशिरें, करै तप
वसंतोॅ लेली।
25.
करै किलोल
दै केॅ लोलोॅ में लोल
बगरो रानी।
26.
शिशरें छोडै़
विष बुझलोॅ वाण
काम रागोॅ के।
27.
भंख लोटै छै
सौसे बाग-बगीचा
टिटही टें-टें।
28.
नया कपड़ा
पिन्है लेॅ धड़फड़
शिशिर रानी।
29.
संझौती वेरा
छै लोरैलोॅ नजर
ताकौं डगर।
30.
खेतोॅ के आरी
सुन्नोॅ बहियारोॅ में
हाँसै शिशिर।
31.
कनियैनी रं
चुकुमुकु बैठली
शिशिर मुस्कै।
32.
बारी केॅ दीया
चौखटी पेॅ राखी केॅ
खाड़ी शिशिर।
33.
थकचुरुऑे
सौसे दिन शिशिर
केकरा खोजै?
34.
शिशिर साँझ
छै कुहासा भरलोॅ
पिया जौं ऐलौ।
35.
सुखलोॅ ठोर
लाजोॅ सें सरगद
कैन्हेॅ शिशिर?