भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शीतल मैया वन्दौं / अंगिका
Kavita Kosh से
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
शीतल मैया वन्दौं मधुमालत मैया वन्दौं।2
मैया हे देहोॅ न आशीष
भगता जीऐ सौ वरीस।
धनसर मैया वन्दौ, मैया फूलसर वन्दौं।2
देवे देवे न वरदान-मैया हे भगता पावै ज्ञान।2
ब्रहमा वन्दौं, विष्णु वन्दौं, वन्दौं शिवमूरतिया।2
हरवे न हरवे प्रभु भगता के कुमतिया।2
कालि वन्दौं, सरस्वती वन्दौं, वन्दौ लक्ष्मी पारवतिया।2
देवे न देवे मैया भगता के सुमतिया।