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शीर्ष की ईंट / विशाल समर्पित

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दुनियाँ की सबसे ऊंची
ईमारत के शीर्ष की ईंट
क्या कभी उस ईंट को
भूल सकती है
जो धरती की सतह से भी
चार फुट गहरे में दबी है
उस नींव की ईंट को
जिसने उसे शीर्ष पर
बैठने का अवसर
दिया है।
जिसने उसे सभी पर
नजर रखने की
जिम्मेदारी दी है
लेकिन क्या यह
वास्तविकता
हो सकती है।
खैर जो भी हो
भले ही आलोचकों को
यह उस ईंट के भाग्य की
विवशता लगे
मगर तीसरी आँख
हमेशा यही देखेगी
की उस ईंट के
बलिदान की बजह से
सतह से लेकर शीर्ष तक की
हर एक ईंट
यहाँ तक की
हर एक कण
उस खूबसूरत ईमारत को
उसके होने का
एहसास दिला रही है
और ईमारत की प्रत्येक ईंट
जोर जोर से चिल्लाकर
बोल रही है कि
तुम हो तो मैं हूँ।