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शुभ दिन आज सखी, ऐलै गुरुदेव हे / छोटेलाल दास

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शुभ दिन आज सखी, ऐलै गुरुदेव हे।
तन-मन-धन सौंपो, करो गुरु-सेव हे॥टेक॥
गुरुँ हीं बतैथौं तोरा, भक्ति केरो भेव हे।
कोइयो नैं जानै आरो, चाहे कोई देव हे॥1॥
भव-जलनिधि केरो, विकराल ढेव हे।
गुरुजी करथौं तोरा, भव-पार खेव हे॥2॥
भक्ति-नाव चढ़ो सब, तजिके कुटेब हे।
सत-सत रहो नित, करो मैल छेब हे॥3॥
गुरु के रिझायो, सब्भैं, तजि अहमेव हे।
‘लाल दास’ मिटि जैथौं, भव-अवरेब हे॥4॥