भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शोक-प्रदर्शन / बालकृष्ण काबरा 'एतेश' / लैंग्स्टन ह्यूज़

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरा शोक
मनाने वालों से कहना —
पहने कपड़े लाल

मेरे मर जाने का
क्या मतलब है,
और क्या मलाल !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’