बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
श्याम वर के लाने बेटी ठाड़ी बखरी।
वे तो खरिया दुफरिया बेटी ठाड़ी बखरी।
उनके आजुल ने लगाये सुहाग बिरछा।
उनकी आजी रानी सींचन चली भर गडुआ।
वे तो श्याम वर के...
उनके बाबुल ने लगाये सुहाग बिरछा
उनकी मैया रानी सींचन चलीं भर गडुआ।
वे तो खरिया दुफरिया बेटी ठाड़ी बखरी।
श्याम वर के लाने...
उनके काका ने लगाये सुहाग बिरछा।
उनकी काकी रानी सींचन चलीं भर गडुआ।
श्याम वर के लाने...
उनके भैया ने लगाये सुहाग बिरछा।
उनकी भौजीं रानी सींचन चलीं भर गडुआ।
वे तो खरिया दुफरिया...