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श्री बृषभानु-सुता मन-मोहन जीवन प्रान अधार पियारी / सुन्दरकुवँरि बाई
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श्री बृषभानु-सुता मन-मोहन जीवन प्रान अधार पियारी।
चन्द्रमुखी सुनिहारन आतुर चातुर चित्त होकर बिहारी॥
जा पद-पंकज के अलि लोचन स्याम के लोभित सोभित भारी।
हौं बलिहारी सदा पग पै नव नेह नवेला सदा मतवारी॥