भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

श्री बृषभानु-सुता मन-मोहन जीवन प्रान अधार पियारी / सुन्दरकुवँरि बाई

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

श्री बृषभानु-सुता मन-मोहन जीवन प्रान अधार पियारी।
चन्द्रमुखी सुनिहारन आतुर चातुर चित्त होकर बिहारी॥
जा पद-पंकज के अलि लोचन स्याम के लोभित सोभित भारी।
हौं बलिहारी सदा पग पै नव नेह नवेला सदा मतवारी॥