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संगीत / भवानीप्रसाद मिश्र
Kavita Kosh से
अमरूद से
आम पर
जा रही है गिलहरी
आते-जाते
गा रही है गिलहरी
इस किचकिच को संगीत
हाँ कह सकते हैं
भाव है इसमें
भावना है भय है
चिंता है स्नेह है लय है !