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सगाई के गीत / 1 / राजस्थानी
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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कोठ से आया है नारेल, कोठ स आया ये।
म्हारा नवल बन्ना रा, बिडाला जी बन्ना जी।
जनकपुर स आया है नारेल, जनकपुर से आया जी।
हंस हंस झेल्या जी नारेल, बन्ना के सासरा से आया जी।
बन्ना री दादी पूछै बात,
कसो रे लाग्यो जी, म्हारै बन्ना सै सासरो जी
बन्ना री भाभी पूछे बात,
कसो रे ल्यावो नखराला देवर बिनणी जी राज,
बन्ना री भूवा बहना पूछे बात,
कस्यो के दीनो है म्हारा नवल बन्ना न दायजो जी राज,
बन्नो रूपा में अदम सरूप
कोठ स आया है पेचा, कोठा स आया ये बन्ना के सासरा सै जी।