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सच्चा साहब तूं येक मेरा / बहिणाबाई
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सच्चा साहब तूं येक मेरा,
काहे मुजे फिकीर।
महाल मुलुख परवा नही,
क्या करूं पील पथीर॥
गोविंद चाकरी पकरी,
पकरी पकरी तेरी॥
साहेब तेरी जिकीर करते,
माया परदा हुवा दूर।
चारो दील भाई पीछे रहते हैं,
बंदा हुज़ूर॥
मेरा भी पन सट कर,
साहेब पकरे तेरे पाय।
बहिनी कहे तुमसे गोंविंद,
तेरे पर बलि जाय॥