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सड़कों, चौराहों पर मौत और लाशें-1 / पाब्लो नेरूदा

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मैं यहाँ रोने नहीं आया हूँ
जहाँ ये लोग औंधे मुँह
गिर पड़े थे

तुम लोग जो बच गए हो
मैं तो सिर्फ़ तुम लोगो से
बातचीत करने आया हूँ
और बातचीत कर रहा हूँ
तुम लोगों के साथ
और अपने साथ
बाक़ी सब लोग
कुछ ही समय पहले
मारे जा चुके हैं

याद आती है उनकी
बिल्कुल आती है
क्योंकि वे लोग
तुम्हारी ही तरह थे
तुम्हारी ही तरह
उनकी भी पद-प्रतिष्ठा थी

वर्षा से भीगे
लंगकुइम के इलाक़े में
साजग्रिगोरिओ और
रांगकुइल के सूखे अंचल में
हवा जहाँ कंजूस की तरह बहती है
और इस इनक्यूकुए में
जहाँ उड़ती हुई रेत
क़ब्र बन जाती है
और गला बुरी तरह सूख जाता है
मोटे तौर पर यह इलाक़ा
समुद्र के तट से
मरुभूमि के विस्तार तक फैला है
धुएँ की रेखा से वर्षा की रेखा तक
वृक्षहीन सपाट मैदान से द्वीप-समूह तक
अनेकानेक लोगों की हत्या की गई है
हत्या की गई है उन्हीं की
जिनका नाम मान लो
अंतोनियो था
ठीक वैसा ही
जैसा तुम्हारा नाम है
मछेरों की, लोहारों की,
जो लोग ठीक तुम्हारी ही तरह
अपने-अपने कामकाज में लगे रहते थे
चिली के लोग, चिली की अस्थि-मज्जा

चेहरे मार खा-खाकर
क्षत-विक्षत हो गए हैं
वृक्षहीन सपाट भूमि की तरह
उजड़े-उजड़े
कष्ट और पीड़ा की
जीती-जागती तस्वीर
पूरे शरीर पर उतार दी गई है

अंग्रेज़ी से अनुवाद : राम कृष्ण पाण्डेय