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सड़क के दोनों तरफ़ ख़ैरियत है / नोमान शौक़
Kavita Kosh से
आकाश के एक छोर से
दूसरे छोर तक उड़ रही है
रंगबिरंगी मौत
पतंगों की तरह बल खाती हुई
जिसकी डोर
गली के मनचले लड़कों के हाथों में है।
बिखरते चांद की
अधजली परछाईं से बने रथ पर सवार
झूमते हुए आते हैं आवारा कुत्तो
जो भौंकते हैं
कभी धीमी और कभी तेज़ आवाज़ में।
समझदार लोग
खड़े हो जाते हैं सड़क के दोनों तरफ़
सिर झुकाकर।