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सनम मेरे सनम, कसम तेरी कसम / आनंद बख़्शी
Kavita Kosh से
अमित:
सनम मेरे सनम, कसम तेरी कसम
मुझे आजकल नीँद आती है कम
अल्का:
सनम मेरे सनम, कसम तेरी कसम
तेरे लिए हुआ, जनम मेरा जनम
महक रहा है तू गुलाब की तरह
अमित:
महक रही है तू शराब की तरह
देख लड़खड़ा गए कदम, मेरे कदम
ये हुस्न ये अदा, ये फूल सा बदन
अल्का:
तू देख दूर से, न चूमो जी सनम
कि आती है मुझे शरम बड़ी शरम
तू अपने प्यार से भिगो दे बस मुझे
अमित:
तू अपने प्यार में डुबो दे बस मुझे
समा है प्यार का, गरम बड़ा गरम