सपनों में दिखता है पुराना दोस्त / येव्गेनी येव्तुशेंको
मुझे सपनों में दिखता है पुराना दोस्त
जो दुश्मन है अब मेरा
दिखता है पर शत्रु रूप में नहीं
बल्कि उसी पुराने मित्र रूप में ।
अब वह मेरे साथ नहीं,
पर हाज़िर रहता है हर जगह।
बुरे सपनों के कारण
सिर चकराता है मेरा ।
मुझे सपनों में दिखता है पुराना दोस्त,
उपद्रव करता और मानता हुआ अपनी ग़लतियाँ ।
दिखता है उन दीवारों, उन सीढ़ियों पर
जहाँ शैतान की भी टूट सकती हैं टाँगें ।
दिखती है उसकी नफ़रत
मेरे लिए नहीं बल्कि उनके लिए
जो हम दोनों के दुश्मन थे कभी
ख़ुदा चाहे तो वे बने रहेंगे वे दुश्मन और अभी ।
मेरे सपनों में आता है पुराना दोस्त
आता है जैसे कभी लौट न आने वाला प्रेम,
ख़तरे मोल लेते रहे हम दोनों
उलझते रहे हर तरह के लड़ाई-झगड़ों में ।
अब दुश्मन हैं हम एक दूसरे के
पर कभी हम धर्म भाई थे
मेरे सपनों में आता है पुराना दोस्त
जैसे सैनिकों के सपनों में झण्डों की फड़फड़ाहट ।
उसके बिना मैं -- मैं नहीं
न वह -- वह है मेरे बिना,
आज यदि हम दुश्मन हैं एक दूसरे के
तो इसलिए भी कि ये दिन भी तो वे दिन नहीं ।
मेरे सपनों में आता है पुराना दोस्त
वह वैसा ही मूर्ख है जैसा मैं,
ज़रूरत नहीं यह बताने की
कौन ग़लत है और कौन सही ।
नए दोस्त भी क्या दोस्त ?
उनसे अच्छा तो पुराना दुश्मन है ।
दुश्मन तो नया भी हो सकता है
पर दोस्त जब भी होता है
होता है पुराना ।