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सफ़र / प्रभात

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दुख में गाफ़िल उस युवती ने बच्चे को गोद में लिया
और रेल में बैठ गई सुख के स्टेशन पर उतरने के लिए
स्टेशन भी आया वह उतरी भी वहाँ
मगर चाहा गया सुख
उसके लिए घना दुख बना बैठा था
जिससे मिलकर वह यातना से इतना भर गई
कि उसने बच्चे को गोद में लिया
और रेल में बैठ गई
दुख स्टेशन पर उतरने के लिए
जहाँ से वह रेल में चढ़ी थी