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सबसे अच्छी नानी / बालकृष्ण गर्ग
Kavita Kosh से
दूध न पीता गुड्डा,
हुआ तभी तो बुड्ढा ।
खाती दाल न रोटी,
फिर भी गुड़िया मोटी ।
दिन भर नटखट भैया,
करता धम्मक-धय्या ।
कपड़ा इतना मँहगा,
बहना माँगे लँहगा ।
चिढ़ जाते जब चाचा,
मारें मुझे तमाचा ।
पापा करते गड़बड़,
मम्मी करतीं बडबड ।
खों-खों खाँसे दादी,
तम्बाकू की आदी ।
सबसे अच्छी नानी,
कहती रोज कहानी ।