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समय के साथ बुद्धिमानी का आना / सरिता शर्मा / विलियम बटलर येट्स
Kavita Kosh से
हालाँकि पत्ते अनेक हैं,
जड़ एक है,
मेरी जवानी के
समूचे झूठ बोलने के दिनों में
मैंने अपने पत्तों और फूलों को
धूप में लहराया;
अब मैं
सच स्वीकार करके
मुरझा सकता हूँ।
मूल अँग्रेज़ी से सरिता शर्मा द्वारा अनूदित
लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
THE COMING OF WISDOM WITH TIME
THOUGH leaves are many, the root is one;
Through all the lying days of my youth
I swayed my leaves and flowers in the sun;
Now I may wither into the truth.