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समुद्र तट पर / डोरिस कारेवा / तेजी ग्रोवर
Kavita Kosh से
मैं
समुद्र तट पर
चलती रही
बहुत देर तक,
ज़मीन से
कुछ-न-कुछ उठाती हुई ।
घर आकर
मैंने झोले को
ख़ाली किया :
ग्यारह कंकर
और एक कविता
पक्षी-बिष्ठा में
सनी हुई ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : तेजी ग्रोवर