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सम्पूर्ण / सौमित्र सक्सेना
Kavita Kosh से
कोई एक चिड़िया क्या करे?
वो हरेक पत्ते को
नहीं सहला सकती है
वो हरेक शाख पे
घोंसला भी नहीं बना पाएगी
वो सब चिड़ियों के साथ
मिलकर भी
नहीं भर पाएगी आसमान पूरा
वो तो बस
चहक सकती है
साँसों में भरके हवा सारी
जो उसकी ख़ुशी छू ले
सो
रखले अपने पास ।