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सरस्वती वंदना / कालीकान्त झा ‘बूच’

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अधर हास करतल वर वीणा
हंस वाहिनी परम प्रवीणा
श्वेत अंबरे परे शुद्धि दे,
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे
भावक सर विश्वासक शतदल
पर पसरल श्रद्धास्पद परिमल
हस्त स्फटिक माल मनोहर
सहज तपस्विनी आत्म शुद्धि दे
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे
आसीना कल्पना हंस पर
पद सौन्दर्यक पंक वंश पर
व्योम नायिके कथा गायिके
हरू हमरो कुण्ठाबरूद्धि हे
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे
सींचू ज्ञान कमंडल जल सँ
पोंछू माँ प्रेमक आंचल सँ
उक्ति द्वार पर रसाहार
करबू त्यागू युग युगक क्रुद्धि हे
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे