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सलामत रहे दिल में घर करने वाले / यगाना चंगेज़ी

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सलामत रहे दिल में घर करनेवाले।

इस उजडे़ मकाँ में बसर करनेवाले॥


गले पै छुरी क्यों नहीं फेर देते।

असीरों को बेबालो-पर करनेवाले॥


खड़े हैं दुराहे पै दैरो-हरम के।

तेरी जुस्तजू में सफ़र करनेवाले॥


कुजा सहने-आलम, कुजा कुंजे-मरक़द।

बसर कर रहे हैं बसर करनेवाले॥