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सहरा सागर सब पानी / ख़ालिद कर्रार
Kavita Kosh से
सहरा सागर सब पानी
सब्ज़ा बंजर सब पानी
अव्वल अव्वल पानी था
आख़र आख़र सब पानी
पानी पानी शहर-पनाह
मस्जिद मंदर सब पानी
कोई दिन ऐसा होगा
सहरा सागर सब पानी
मुस्तक़बिल मिट्टी का ढेर
माज़ी खंडर सब पानी
आग धमाके ख़ून धुआँ
नेज़े लश्कर सब पानी
सारी दुनिया डाँवा डोल
धरती सागर सब पानी
अंदर अंदर आग धुआँ
जिस्म के बाहर सब पानी
सारे मोवाह्हिद पानी के
फूल मुजावर सब पानी