भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सहरा सागर सब पानी / ख़ालिद कर्रार

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सहरा सागर सब पानी
सब्ज़ा बंजर सब पानी

अव्वल अव्वल पानी था
आख़र आख़र सब पानी

पानी पानी शहर-पनाह
मस्जिद मंदर सब पानी

कोई दिन ऐसा होगा
सहरा सागर सब पानी

मुस्तक़बिल मिट्टी का ढेर
माज़ी खंडर सब पानी

आग धमाके ख़ून धुआँ
नेज़े लश्कर सब पानी

सारी दुनिया डाँवा डोल
धरती सागर सब पानी

अंदर अंदर आग धुआँ
जिस्म के बाहर सब पानी

सारे मोवाह्हिद पानी के
फूल मुजावर सब पानी