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सांटा ठा लिया बाबू नै / रणवीर सिंह दहिया

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सांटा ठा लिया बाबू नै कांपी मेहर सिंह की काया।।
तूं सांगी बणणा चाहवै कोण्या असली मां का जाया।।
तेरे गाणे और बजाणे नै मानै मेरा शरीर नहीं
बैंजू घड़वा किस्सा रागनी किसानां की तासीर नहीं
सांटा मारकै बोल्या मनै बणाणा तूं फकीर नहीं
मन की मन मैं पीग्या ना बोलकै कति सुणाया।।
चुपचाप देख कै बाबू बोल्या राह बांध्ूंगा तेरा
कै तो बात मान ले ना तो देखूं कुआं झेरा
धरती थोड़ी नहीं गुजारा क्यूकर बसज्या डेरा
छोड़ कै हल नै गावै रागनी हमनै पटज्या बेरा
खाल तार ल्यूंगा तेरी जो मनै कितै गांवता पाया।।
तेरी रागनी म्हारी गरीबी या क्यूकर दूर करैगी
खेत कमा कै फौज मैं जा ना दुनिया नाम धरैगी
एक दिन बरोने के मां तेरी भूखी मात मरैगी
कड़वी लागै बात मेरी मुश्किल तै आज जरैगी
फेर न्यों कैहगा मैं पहलम तै ना तनै समझाया।।
खाकै मार बैठग्या छोरा धरती नै कुरेदन लाग्या
बाबू नै छाती कै लाया फेर उसका छोह भाग्या
बोल्या आंख खोल बावले सारा जमाना जाग्या
रणबीर सिंह भी मेहर सिंह के राग सुरीले गाग्या
चिन्ता के मां घिरग्या छोरा कुछ ना पीया खाया।