भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

साजिश / अनुभूति गुप्ता

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इस अँधेरे को
उसी की साजिश में
मात दी जाये

चुपके-चुपके
घरों की
अंधकारमय देहलीज़

यथार्थ की
रोशनाई से
रंग दी जाये।