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सात जणी का हे मां मेरी झूलणा जी / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सात जणी का हे मां मेरी झूलणा जी
पड्या पिंजोला हरियल बाग में जी
अस्सी गज का हे मां मेरी घाघरा जी
उसमें कली सैं तीन सौ साठ जी
पड्या पिंजोला हरियल बाग में जी