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सामने ये कौन आया दिल में हुई हलचल / आनंद बख़्शी
Kavita Kosh से
सामने ये कौन आया दिल में हुई हलचल
देख के बस एक ही झलक हो गये हम पागल
बातें मुलाक़ातें तो होंगी हम से भी
वो हम पे खुलेंगी कभी आज नहीं तो कल
आँखों ही आँखों में
बातों ही बातों में
कभी जान पहचान होगी
सुन लो ये कहानी
हसीना इक अनजानी
किसी दिन महरबान होगी
ज़ू ज़ु ज़ू, ज़ू ज़ु ज़ू
ज़ू ज़ु ज़ू, ज़ू ज़ु ज़ु ज़ु
सामने ये कौन आया ...
रहना है यहाँ तो
दोनों हैं जवाँ तो
भला दूर कैसे रहेंगे
माना वो हसीं है
तो हम भी कम नहीं हैं
वो मगरूर कैसे रहेंगे
ल ला र, ल ला र
ल ला र, ल ला ल ल
सामने ये कौन आया ...