साम्राज्यवाद के निशाने पै युवा लड़के और लड़की
बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक)
सही बातों तैं धयान हटा कै नशे का मंतर पकडाया
लड़की फिरती मारी मारी समाज यो पूरा भरमाया
ब्यूटी कंपीटीसन कराकै देई लवा ऐश की तडकी।।
निराशा और दिशा हीनता दे वें चारों तरफ दिखाई
बात बात पै हर घर के महँ मचरी सै खूब लडाई
सल्फाश की गोली खा कै करैं जीवन की बंद खिड़की।।
युवा लड़की की ज्यान पै शाका पेट मैं शाका छाया
रोज हिंसा का शिकार बनैं ना साँस सुख का आया
वेश्यावृति घनी फैलाई जणूं जड़ ये फ़ैली बड़ की।।
एक तरफ सै चका चौंध यो दूजी तरफ अँधेरा
दिन पै दिन बढे यो संकट ना दिखे जमा सबेरा
रणबीर सिंह विरोध करेँ हम बाजी ला कै धड की।।