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सारथी हूँ सर्जना का / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
मैं कसा हूँ कुश-कसन से
डाह-डह से
मैं डसा हूँ
मैं ग्रही हूँ वंचना का
सारथी हूँ सर्जना का
रचनाकाल: १८-०७-१९६२