सावन बरसै तेॅ हमरे करम जरी जाय
मोॅन ऐहने कहै कि ऊ घोॅर घूरी जाय
ऐलै सावन तेॅ हमरोॅ धरम टगै छै
दर-दर चुवै छै छप्पर शरम लागै छै
दोनों आँख हमरोॅ डब-डब लोरोॅ से भरी जाय
पानी ओसर्हौ पर ऐंगना में झोॅर परै छै
लागै दुखोॅ सें सौंसे सरंग गरै छै
मेघ गरजै छै करिया तेॅ कोय डरी जाय
अबकी ऐतै तेॅ मनोॅ के बात कहवै
करोॅ खेथै में काम साथे साथ रहवै
सूनोॅ घरोॅ में डोॅर लागै आंग थरथराय
सॉझ परथै चिरैय्यो तॅ घोर आवै छै
आपनोॅ खोता में कनियो टा सुख पावै छै
ऐन्होॅ कागतोॅ केॅ पैसा चूल्ही में जरी जाय